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Saturday, 25 July 2009

Vande he sundar mam sakha

This is the school song or Vidyalaya Gaan of my school, Netarhat. This has been written by our shriman jee, Mr. Saxena. This surely will evoke nostalgic moments to any NOBA who stops by this blog.

वन्दे
! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा,
वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट।

धन्य महाप्रांगण यह विंध्य प्रकृति क्रीड़ा का;
वन मे वनपशुओं का विचरण स्वच्छन्द यहाँ;
विहगों से कंठ मिला गाते नवगान सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।

उषा के साथ जगें,प्रतिदिन मंगलमय हो;
कार्य पूर्ण प्रतिपल हो,ज्ञान वृद्धि जनहित हो;
अंतरतर का मधुमय गाये संगीत सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।

तन मन जन प्राण मिला,नवयुग से नवगति ले,
संग पवन मेघ गगन,संग सूर्य चाँद संग;
तारे ग्रह चरण मिला,चलते नवचाल सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।

साधक हैं समता के,सत्य न्याय करुणा के,
हिन्द प्रेम सम्बल है,विश्व प्रेम साध्य बना;
जन-जन मे ज्योति जगे,सत चित् आनन्द सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।

पायें वरदान कि हों अंकुर तरु मे परिणत,
रस ले फल-फूलों से,स्वस्थ बने मानवता;
'शिव'हो कल्याण सखा,गूँजे जयकार सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।
वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट।

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