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Thursday, 16 July 2009

Funny take on recent supreme court decision on Gays

I came across this in an email. Interesting reading.

चाहे मानसून लेट आया है
पर एहसास नया ये लाया है,
कानून में सुधार आया है
देश में अब बदलाव आया है|

लड़के को लड़की न खोजनी
ना लड़की को लड़का,
कोई भी मिल जाये चलेगा
बस भिडे प्रेम का टांका |

शायद अब किसी घर में
मूंछों वाली भाभी आएँगी,
कन्यायें कन्या को भी अब
जीजू जीजू बुलाएंगी|

उन्मुक्त गगन के नीचे केवल
अब जोड़े ना रास रचाएंगे,
बदला बदला होगा मंजर
लड़के जब लड़का पटायेंगे|

पुलिस के पास भी अब शायद
छेड़छाड़ के केसेज बढ़ जायेंगे ,
महिला महिला को छेड़ेगी
पुरुष पुरुष से छेड़े जायेंगे |

हर सिक्के के पहलू दो होते
कुछ सुधार तो आयेंगे,
ये नए बदलाव देश को
जनसँख्या विस्फोट से बचायेंगे

1 comment:

  1. बढिया कटाक्ष किया है आपने. अचानक ही आपके ब्लॉग पर पहुँचा, कविता पर नजर गयी, पढा, मजा आया. मेरे गंगाकिनारे भी आइये, एक सिलसिला बनेगा.

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